रविवार, 23 अगस्त 2009

दोस्ती

उस फूल की दोस्ती भी क्या दोस्ती, जो एक बार खिले और मुरझा जाए
दोस्ती तो अच्छी उस कांटे की, जो एक बार चुभे और जिन्दगी भर याद आए ...